नवरात्रि का आज तीसरा दिन: आइए जानें माँ चन्द्रघण्टा का नाम कैसे पड़ा, पूजा , मुहूर्त, पूजा के लाभ , प्रिय रंग ,प्रिय फूल ,भोग , स्वरूप व सब कुछ। 1. Navratri 3rd Day 2923, Maa Chandraghanta Mantra: शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन माँ दुर्गा के चन्द्रघण्टा स्वरूप को समर्पित है। जानें माँ चन्द्रघण्टा की पूजा विधि, मंत्र, भोग, प्रिय पुष्य, रंग व सबकुछ-
2. Shardiya Navratriri Third Day 2023: शारदीय नवरात्रि आज 17 अक्टूबर 2023, मंगलवार व नवरात्रि का तीसरा दी दिन है। इस दिन माता दुर्गा के तीसरे स्वरूप चन्द्रघण्टा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, माँ दुर्गा का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। माता रानी के मस्तक में घण्टे के आकार का अर्धचन्द्र विराजमान हैं, इस कारण से माँ का नाम चंद्रघंटा पड़ा | माँ चंद्रघंटा की सवारी सिंह है। दस हाथों में खड्ग, कमल और एवं कमंडल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं। कमंडल के अतिरिक्त माँ अस्त व शस्त्र धारण करती हैं। माँ के माथे पर अर्धचंद्र इसका मुख्य परिचय है | इनके गले में सफेद फूल की माला ओर सिर पर रलयुक्त मुकुट सोभित होता है | माता चंद्रघंटा युद्धा की से वेष में विराजमान होती हैं।
3. माँ माता चन्द्रघण्टा की पूजा करने लाभ
माँ चन्द्रघण्टा के पूजा करने के लाभ : शास्त्रों के अनुसार माँ चन्द्रघण्टा की पूजा करने से मन की शांति प्राप्त होती है। माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप की स्वरूप के आराधना करने से परम शक्ति का अनुभव होती हैं। माँ चन्द्रघण्टा की पूजा में दूध का प्रयोग करना अत्यंत कल्याणकारी माना गया है, ऐसे शास्त्रों में माना गया है।
माँ चन्द्रघण्टा मंत्र-
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।।
पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
आज के दिन का शुभ मुहूर्त :
ब्रह्म मुहूर्त – 04.92 AM से 05:33 AM Top 32 प्रातः सन्ध्या – 05:08 AM से 06:23 AM अभिजित मुहूर्त – 11:43 AM से 12.29PM विजय मुहूर्ध्व : 02:01 PM से 02.47PM गोधूलि मुहूर्त- 05:50 PM से 06:15PM सायाह्न सध्या – 05:50 PM से 07:05 PM
अमृतकाल – 11:23 PM से 01:02 PM
निशिता मुहूर्त – 11:41PM से 12:32Pm ये 18 अक्टूबर रवि योग – 08:31 PM से 06:23PM, 18-अक्टूबर – 2023 तक
माँ चन्द्रघंटा पूजा विधि-
सुबह सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर माता का ध्यान करें।
माँ दुर्गा को फूल, अक्षत, रोली, चंदन श्वेत कमल और पूजन की सामग्री अर्पित कर सकते हैं।
आरती के समय शंख एवं घंटा बजाएँ, मान्यता है कि ऐसा करने से घर की की सारी नकारात्मक ऊम ऊर्जा दूर हो जाती है।
अब माता रानी को भोग अर्पित करें।
अब आपको माँ चन्द्रघण्टा की कथा या दुर्गा स्तुति अथवा दुर्गा कथा का पाठ भी करें।
माता चन्द्रघण्टा का प्रिय रंग –
माँ चन्द्रघण्टा की पूजा जब भी करें स्वर्ण रंग या पीला रंग का वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है।
माँ चन्द्रघण्टा का का प्रिय फूल
शास्त्रानुसर माँ चन्द्रघण्टा को श्वेत (सफेद) कमल और पीले गुलाब की एक माला चढ़ाने सें मनोकामनाएँ पूर्ण होती है |
माँ को भोग – भोग
माँ चन्द्रघण्टा को केशर युक्त खीर और दूध से बने मिष्ठान का भोग अर्पित करने चाहिए। इसके अतिरिक्त पंचामृत, शक्कर व और मिश्री माँ माता रानी (माँ चन्द्रघण्टा) को अर्पित किया जाता है। प्रसाद को आपस में वितरण कर ले |