Lakshadweep : पीएम मोदी ने लक्षद्वीप में गोता लगाकर मालद्वीव को कड़े संदेश दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा काफी चर्चा में रही है। विपक्ष ने इसको लेकर छुट्टियां मनाने और घूमने का तंज कसा है। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। असल लक्षद्वीप जाने के पीछे पीएम मोदी का मकसद बेहद खास है। इसके जरिए जहां एक तरफ टूरिज्म की संभावनाओं को विकसित करना है। भारतीय पर्यटकों की नजर में लक्षद्वीप को मालदीव के मुकाबले बेहतर साबित करना है। दूसरी तरफ भारत विरोधी रुख अख्तियार कर रहे मालदीव को भी यहां से कड़ा संदेश देना है। गौरतलब है कि मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को वहां से अपनी सेना हटाने का संदेश दिया है।
लोकल फॉर वोकल का विस्तार
पीएम मोदी ने लक्षद्वीप में 1,156 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था। इसके बाद उन्होंने विभिन्न जगहों की सैर किया। लक्षद्वीप में बेहतरीन अनुभवों को बताने के साथ ही वहां के लोगों के आतिथ्य सत्कार के लिए धन्यवाद दिया।अगर आपको याद हो बीते साल नवंबर में मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने एक खास संदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि अमीर भारतीय विदेशों में शादी रचाने की जगह भारत को प्राथमिकता दें। मोदी ने कहा था कि गरीब लोग भी अपने ब को आपकी शादी के बारे में बताएंगे। क्या आप ‘वोकल फॉ लोकल’ के इस मिशन का विस्तार कर सकते हैं? हम अपने देश में इस तरह के विवाह समारोह क्यों नहीं आयोजित करते? बाद में उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भी उन्होंने इस बात को दोहराया था। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया की तर्ज पर वेड इन इंडिया की मुहिम भी शुरू होनी चाहिए। पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा इसी वोकल फॉर लोकल मिशन को बढ़ाने के तहत है। लक्षद्वीप से पीएम मोदी ने संदेश दिया कि यह सिर्फ एक द्वीप नहीं है, बल्कि परंपरा और खूबसूरती के मामले में भी यह काफी विशिष्ट है। वह इसे भी एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने की तरफ देख रहे हैं। उन्होंने कहा लक्षद्वीप भी जरूर होना चाहिए।
मालदीव को कैसे संदेश?
पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का जियो-पॉलिटिकल महत्व भी काफी है। पहली बात तो यात्रियों के बीच में मालदीव की प्रसिद्धि काफी ज्यादा है। अब लक्षद्वीप को एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप करके इसे मालदीव से ज्यादा प्रसिद्धि दिलाने का मकसद है। इसके साथ ही साथ, भारत विरोधी सुर में बोल रहे मालदीव के नए राष्ट्रपति को भी यहां कड़ा संदेश देने का काम पीएम मोदी ने किया है। गौरतलब है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत से अपने सैनिकों को हटाने के लिए कह चुके हैं। मुइज्जू ने कहा कि वह इस बात को लेकर दृढ़प्रतिज्ञ हैं कि उनका देश विदेशी सैनिकों की मौजूदगी के बिना पूरी तरह से आजाद रहे। माना जा रहा है कि वह चीन के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी का लक्षद्वीप जाना, मालदीव के लिए एक बड़ा संदेश हो सकता है।
लक्षद्वीप के समुद्र में पीएम मोदी ने क्यों गोता लगाया ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लक्षद्वीप दौरे के साकारात्मक अनुभवों का साझा करते हुए इंटरनेट मीडिया पर कई अनुपम सौंदर्य वाले फोटो शेयर किए हैं। उनकी यात्रा के दौरान कुछ तस्वीरों में उन्हें स्नार्कल करते हुए देखा जा सकता है, जो समुद्र के नीचे गोता लगाने का अनुभव कर रहे हैं।
गुरुवार को इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से, पीएम मोदी ने लक्षद्वीप के आकर्षक तटों, समुद्र, और समुद्र के नीचे के विचित्र दृश्यों को लेकर अपने अनुभवों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि उन लोगों के लिए, जो साहसिक सैर-सपाटे के शौकीन हैं, लक्षद्वीप को अपनी पर्यटन सूची में ज़रूर शामिल करना चाहिए।
उन्होंने लक्षद्वीप के लोगों की सहृदय मेजबानी के लिए भी आभार व्यक्त किया और बताया कि उन्हें हाल ही में यहाँ रहने का सौभाग्य मिला है। उनका मनमोहक वर्णन करते हुए, मोदी ने कहा कि लक्षद्वीप की सुंदरता ने उनको आकर्षित किया है और इस यात्रा ने उन्हें 140 करोड़ भारतीयों के लिए और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है।
Images Credit To – @naredramodi
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Posted By Sandeep Patel.