Time Sandesh

Mahakumbh 2025: कटनी के आगे से प्रयागराज तक 355 किमी लंबा जाम

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के दौरान, 9 से 10 फरवरी के बीच, कटनी (मध्य प्रदेश) से प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) तक लगभग 300 किलोमीटर लंबा यातायात जाम देखने को मिला। यह जाम महाकुंभ में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालुओं के एक साथ प्रयागराज की ओर प्रस्थान करने के कारण उत्पन्न हुआ।

जाम के प्रमुख कारण

Mahakumbh 2025
  1. श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित संख्याः महाकुंभ में स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु मध्य प्रदेश के रास्ते प्रयागराज की ओर बढ़े, जिससे मुख्य मार्गों पर भारी दबाव पड़ा।
  2. यातायात प्रबंधन में चुनौतियाँ: प्रशासन द्वारा यातायात को नियंत्रित करने के लिए किए गए इंतजाम इस विशाल भीड़ के सामने अपर्याप्त साबित हुए।
  3. टोल बैरियर पर मनमानी वसूलीः टोल नाकों पर धीमी गति और मनमानी वसूली के कारण भी जाम की स्थिति और गंभीर हो गई।

प्रभाव और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

• प्रयागराज संगम स्टेशन का बंद होनाः भीड़ की अत्यधिक संख्या के कारण प्रशासन को प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।

• पुलिस की अपीलः कटनी पुलिस ने श्रद्धालुओं से हाथ जोड़कर वापस लौटने की अपील की, क्योंकि आगे की सड़कों पर भारी जाम था और प्रयागराज की सड़कें भर चुकी थीं।

• वाहनों की लंबी कतारें: रीवा, कटनी, मैहर और अन्य क्षेत्रों में हजारों वाहन जाम में फंसे रहे, जिससे यात्रियों को घंटों तक इंतजार करना पड़ा।

महाकुंभ 2025 के दौरान 9 से 10 फरवरी के बीच कटनी से प्रयागराज तक लगभग 355 किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला, जो प्रशासन और श्रद्धालुओं दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ। भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान बेहतर योजना और यातायात प्रबंधन की आवश्यकता है, ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा से बचाया जा सके।

  1. महाकुंभ 2025 (भारत) – 350 किमी जाम

तारीख: 9-10 फरवरी 2025

स्थानः कटनी से प्रयागराज (राष्ट्रीय राजमार्ग 30)

लंबाई: 300+ किलोमीटर

कारणः महाकुंभ स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़, यातायात प्रबंधन की कमी, सीमित पार्किंग, धीमी वाहन गति, टोल नाकों पर भीड़।

प्रभावः हजारों वाहन जाम में फंसे, प्रशासन ने श्रद्धालुओं से वापस लौटने की अपील की, प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन बंद करना पड़ा।

महाकुंभ 2025 के दौरान 9 से 10 फरवरी के बीच कटनी से प्रयागराज होते हुए अयोध्या तक लगभग 450 किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला, जो प्रशासन और श्रद्धालुओं दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ। भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान बेहतर योजना और यातायात प्रबंधन की आवश्यकता है, ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा से बचाया जा सके।

Post By Sandeep Patel

Exit mobile version