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Ratan Tata : जमशेदजी टाटा और टाटा परिवार का इतिहास स्थापना से वर्तमान तक

Ratan Tata : टाटा समूह का इतिहास भारत के औद्योगिक विकास का प्रतीक है, और इसकी नींव जमशेदजी टाटा (1839-1904) ने रखी थी। जमशेदजी को भारतीय उद्योग का जनक माना जाता है, क्योंकि उन्होंने एक ऐसे औद्योगिक साम्राज्य की स्थापना की, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ।

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जमशेदजी टाटा की शुरुआत
जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 को गुजरात के नवसारी में हुआ था। वे एक पारसी परिवार से थे, और शुरुआत में मुंबई में एक कपड़ा व्यापारी के रूप में कार्य किया। उनके द्वारा 1868 में टाटा समूह की नींव रखी गई थी। उन्होंने कपड़ा उद्योग, स्टील उत्पादन, और हाइड्रोपावर जैसे क्षेत्रों में अग्रणी योगदान दिया। 1907 में जमशेदजी के सपने को पूरा करते हुए टाटा स्टील (तब टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी) की स्थापना की गई, जो भारत की पहली और एशिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी बनी।

टाटा परिवार का योगदान
जमशेदजी के बाद उनके बेटे सर दोराबजी टाटा और सर रतनजी टाटा ने उनके काम को आगे बढ़ाया। टाटा समूह ने औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया। परिवार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्रों में भी अग्रणी कार्य किए।

टाटा स्टील ने विश्व स्तर पर अपने उच्च गुणवत्ता वाले स्टील उत्पादों के लिए ख्याति प्राप्त की है और इसे कई प्रतिष्ठित भवनों और संरचनाओं में इस्तेमाल किया गया है। यहां कुछ प्रमुख उदाहरण दिए गए हैं:

1. हावड़ा ब्रिज (भारत): भारत के सबसे प्रसिद्ध पुलों में से एक हावड़ा ब्रिज, कोलकाता में हुगली नदी पर बना है। इस पुल के निर्माण में पूरी तरह से टाटा स्टील का उपयोग किया गया था।

2. बुर्ज खलीफा (दुबई): दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा के निर्माण में टाटा स्टील का उपयोग किया गया है। यह इमारत स्टील की मजबूती और टिकाऊपन का प्रतीक है।

3. सिडनी हार्बर ब्रिज (ऑस्ट्रेलिया): सिडनी हार्बर ब्रिज के निर्माण में टाटा स्टील के उत्पादों का उपयोग किया गया था। यह पुल स्टील से बनी संरचनाओं का बेहतरीन उदाहरण है।

4. लंदन के विभिन्न भवनः टाटा स्टील ने लंदन के कई प्रतिष्ठित भवनों और बुनियादी ढांचे में स्टील प्रदान किया है, जैसे लंदन ओलंपिक स्टेडियम, जो टाटा स्टील के उत्पादों से निर्मित है।

टाटा स्टील की गुणवत्तापूर्ण स्टील प्रोडक्ट्स का उपयोग करने से ये भवन न केवल मजबूती प्रदान करते हैं, बल्कि टिकाऊपन और सुरक्षा के लिए भी जाने जाते हैं।

रतन टाटा का युग
टाटा समूह के सबसे प्रसिद्ध और महान उद्योगपति, रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ। श्री रत्न नवल टाटा इनका पूरा नाम है । वे जमशेदजी टाटा के परिवार से हैं और 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन बने। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना विस्तार किया और कई प्रमुख अधिग्रहण किए, जिनमें टेटली टी, जगुआर लैंड रोवर, और कोरस जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं।

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भारत के रत्न रत्न टाटा
रतन टाटा रत्न टाटा भारत का महान पुत्र उद्योगपति और समाजसेवी को उनके सामाजिक दृष्टिकोण और नैतिक व्यापार आदर्शों के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने सस्ती कार टाटा नैनो का सपना साकार किया ताकि आम भारतीय परिवार अपनी खुद की कार का सपना पूरा कर सकें। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल व्यापार में बल्कि सामाजिक कार्यों में भी अपनी पहचान बनाई, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और आपदा प्रबंधन में उनका योगदान। कोरोना काल में कंपनियों के छंटनी को गलत बताया और अपने सभी स्टाफ को उस घटे समय भी वेतनमान देते रहे। इन सबके बाद भी। आज टाटा समूह का बाजार पूंजीकरण 33,17,385 करोड़ है।

रतन टाटा का निधन
रतन टाटा का हाल ही में 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई में निधन हो गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई और आंखों में आसूं। उनके निधन के साथ एक युग का अंत हो गया, लेकिन उनका प्रभाव और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। उन्होंने भारतीय उद्योग को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया और भारत की प्रतिष्ठा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया। टाटा समूह का इतिहास भारत के आर्थिक और औद्योगिक विकास का हिस्सा है। रत्न टाटा जी ने व्यापार उन क्षेत्रों में किए जिसकी आवश्यकता देश को थी। इनका पशुओं के प्रति बहुत प्रेम था इस क्षेत्र में बहुत कार्य किए थे गरीबों के कार्य जमशेदजी टाटा से लेकर रतन टाटा तक, टाटा परिवार ने भारत को एक औद्योगिक महाशक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रतन टाटा ने अपने जीवन में न केवल व्यापार को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, बल्कि अपने व्यक्तिगत चरित्र और समाज के प्रति समर्पण से भी सभी का दिल जीता।

रत्न टाटा जी के हृदय में बसता था यूपी

पद्म विभूषण से सम्मानित रत्न टाटा जी को भारत सरकार भारत रत्न नहीं दें सकीं जीवित रहते हुए। इस महान व्यक्तित्व को बहुत पहले ही ये सम्मान मिलना चाहिए था। रत्न टाटा जी के हृदय में यूपी के लिए विशेष स्थान था। रत्न टाटा के अनुसार उन्होंने कहा था कि यूपी अक्सर न सिर्फ गलत समझा गया, बल्कि कमतर भी आंका गया, जबकि यह राज्य हर लिहाज से शानदार है। उत्तर प्रदेश पूरे देश कख नेतृत्व करने का क्षमता रखता है।

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Post By Sandeep Patel

Disclaimer : timesandesh.com रत्न टाटा एक महान उद्योगपति समाजसेवी और इनके जैसा उद्योगपति पूरे विश्व में नहीं हुआ।

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