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- Shardiya Navratri : नवरात्रि के नौ दिनों तक आपको भूलकर भी ये गलतियाँ नहीं करनी चाहिए आपकी इन्ही इन्हीं इन्हीं गलतियों से माँ लक्ष्मी आप से रूठ सकती हैं |
2 . Shardiya Navratri Me Kya Nahi Karne Chahiye:इस वर्ष यह आज से शुरू हो रहा (रविवार से) 15-10-2023 जिसका समापन 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को होगा। इस समय लोग माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों की विधिवत पूजा- अर्चना और व्रत करते हैं | लेकिन इन रूपों विधित पूजा- अर्चना और लेकिन इन दिनों में की गई कुछ गलतियाँ |आपके सारे धर्म-कर्म पर पानी फेर सकती है और साथ ही उसके कारणर माँ लक्ष्मी भी कोधित हो सकती हैं। तो आइए हम लोग ये भी जानते हैं नवरात्रि के नौ दिनों तक किन-किन गलतियों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए | दिए गए बिन्दुओं को ध्यान से पढें।१. नवरात्रि के समय मंदिर के साथ-साथ घर का भी अपने-अपने घरों को स्वच्छ करते रखना चाहिए। मंदिर घरों को स्वच्छ रखना चाहिए | मंदिर व घरों को बहुत से व पुष्प-फूलों आदि से सजा करे |शीर्षिक→ नवरात्रि में का व्रत करने वाले को तो यह 14 कार्य भूल से भी बिलकुल ना करें।
- माँ दुर्गा के 9 नदिन नवरात्रि व्रत संयम और अनुशासन की माँग करते हैं।. देवी माँ दुर्गा को प्र१ प्रसन्न करना है तो तो इन 14 कार्यों से बचाना होगा |
1.नौ दिनों तक भक्तों को अशुभ या अपशब्द नहीं बोलने चाहिए। गाली व उसके साथ प्रयास करे आप झूठ मत बोलिए |
2.नौ रात्रि तक मदिरा (शराब) और माँस का भोजन नहीं करना चाहिए होता है। शास्त्रों के अनुसार सेवन करने से माँ लक्ष्मी रूठ भी सकती हैं।
3. नवरात्रि के सभी 9 दिनों के दौरान नख (नाखून) काटने के विधन है।
4. इन दिनों में भक्तों को सात्विक भोजन ही करना चाहिए जैसे फल आदि |
5 . नौ दिनों के पावन दिनों पर बाल कटवाने की गलती भी नहीं करना, नहीं तो ऐसा करने पर दुगा का प्रकोप झेलना पड़ सकता हैं। 6. नवरात्रि के दौरान भूलकर भी चमड़े की चीजों जैसे कि बेल्ट, पर्स और जूतों का प्रयोग वर्जित है। जैसे कि पशु के चमड़े से ये वस्तुएँ, बनी होती है। 7. व्रत रखने वालों को दाढ़ी-मूँछ और बाल नहीं कटवाना चाहिए |
8. अगर अखंड ज्योति जला रहे हैं तोडक दिनों घर खाली छोड़कर नहीं जाए |
9 .व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नीबूं नहीं काटना चाहिए |
10. फलाहार एक स्वच्छ एवं एक ही स्थान पर बैठकर ग्रहण करें।
11. शारीरिक संबंध बनाने से व्रत का फल नही मिल पाता है।
12. फलाहार एक स्वच्छ एवं एक ही स्थान पर बैठकर ग्रहण करें।
13. बहुत से लोग है जो भूख मिटाने के लिए तुम्बाकू खाते (चबाते ) हैं यह गलती व्रत के दौरान बिलकुल ना करें। व्यसन व्रत खंडित होता है।।
14. विष्णु पुराण के अनुसार व्रत के समय दिन में सोना निषेध है।
नवरात्रि के व्रत में क्या कर सकते हैं?
1. बहुत ऐसे लोग होते है जो माता का जागरण रखते हैं और भजन कीर्तन करते हैं।
2. पूरे नवरात्रि में व्रत रखा जाता है। इसमें अधिकतम लोग एक समय ही भोजन करते हैं। प्रतिदिन दुर्गा चालीसा, चंडी पाठ दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं।
3. कलश , मूर्ति और घट सहित अखंड ज्योति की प्रतिदिन पूजा और आराधना विधिवत रूप से करे और माता को भोग भी लगाएँ |
4.नौ कन्याओं को भोजन करा कर उन्हें दक्षिणा देना चाहिए। तभी व्रत का फल मिलता है।
5. जब व्रत के समाप्ती (स पर उद्यापन किया जाता है तब कन्या भोज कराया जाता है।
3. Shardiya Navratri 2023 : नवरात्रि के पहले दिन माँ किस रूप की पूजा करें : आज का नवरात्री पहला दिन है |नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के प्रथम सुरूप माँ शैलपुत्री की उपासना की जाती है। माँ दुर्गा अपने पहले स्वरूप, में शैलपुत्री के नाम से पूजी जाती हैं। ये पर्वतराज हिमालय की पुत्री भी है | इसलिए नाम शैल पुत्री पड़ा गया। अपने पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न जन्मी थीं |उस समय नाम सती था।
4. पूजा विधि क्या है ? सर्वप्रथम माँ शैलपुत्री की कोई मूर्ति अथवा चित्र स्थापित करें उसके नीचे लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछा लीजिए। इसके ऊपर केशर से ‘ शं ‘ लिखें और उसके ऊपर मनोकामना पूर्ति गुटिका रखें | तत्पश्चात् हाथ में लाल पुष्प लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें |
5. मत्र कौन सा मंत्र जपे ?
मंत्र इस प्रकार है :
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नमः । मंत्र का उच्चारण के साथ हाथ के पुष्प को मनोकामना गुटिका एवं माता के चित्र या मूर्ति ऊपर छोड़ दें। इसके बाद प्रसाद अर्पित करें तथा माँ शैलपुत्री के मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का अप कम से कम 108 बार करें |
6. नवरात्रि व्रत में क्या खाएं ?
उत्तर : पपीता, अंगूर संतरा, सेब, केला इस प्रकार के मौसमी फूल भी खा सकते हैं। दूध, दही, पनीर घर में बना मक्खन, घी, खा सकते है।
7. नवरात्री के दूसरे दिन किस माँ की व कैसे पूजा करें ?
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि ये है: 1. प्रातः शीघ्र उठकर शौच शौच व स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
2.स्नान के पश्चात श्वेत (सफेद) वस्त्र धारण करें |
3. घर में स्थिती माँ की प्रतिमा या मूर्ति में ब्रह्मचारिणी का स्वरूप स्मरण करें।
4. माँ ब्रह्मचारिणी को पंचामृत से स्नान कराएँ ।
5. माँ ब्रह्मचारिणी को श्वेत या पीले वस्त वस्त अर्पित करें