नवरात्र (Shardiya Navratri Day 7th) की अवधि माता रानी के नौ रूपों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। नवरात्र के सातवें दिन माता पार्वती के उग्र स्वरूप यानी मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। ऐसे में शारदीय नवरात्र में बुधवार 09 अक्टूबर को माता कालरात्रि की पूजा की जाएगी। तो चलिए जानते हैं कि इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मां कालरात्रि की पूजा सुबह और रात दोनों समय करने का विधान है। यह मां पार्वती का उग्र रूप है, जिनकी पूजा अर्चना करने से साधक को रोग-दोष से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही मां काली की उपासना से तंत्र-मंत्र के असर को भी समाप्त किया जा सकता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि मां काली की पूजा में आपको किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
मां कालरात्रि की पूजा जरूर करें ये काम
मां कालरात्रि की पूजा में लाल या फिर गहरे नीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। साथ ही माता काली को लाल रंग की चीजें जैसे गुड़, गुड़हल आदि अर्पित करने चाहिए। इसी के साथ मां कालिका को गुड़ से बनी चीजों का भी भोग लगा सकते हैं। पूजा के बाद आप प्रसाद में चढ़ाए गए गुड़ को किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं या फिर अन्य लोगों में भी बांट सकते हैं।
नाराज हो सकती हैं मां काली
नवरात्र के सातवें दिन यदि आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं, तब भी तामसिक भोजन या शराब आदि का सेवन से दूरी बनानी चाहिए। इसी के साथ इस दिन किसी व्यक्ति या जीव को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए। इस दिन क्रोध और दुर्व्यवहार से बचना चाहिए। नवरात्र की पूरी अवधि में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे देवी की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।
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Post By Sandeep Patel
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