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Shardiya Navratri2024 : का पहला दिन मां शैलपुत्री को है समर्पित, जानें घटस्थापना मुहूर्त, भोग और मंत्र

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री (Shardiya Navratri 2024 Day 1) की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। शारदीय नवरात्र की उपासना की शुरुआत कलश स्थापना के साथ करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि कलश स्थापना न करने से पूजा अधूरी रहती है। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) के प्रिय भोग और मंत्र के बारे में।

शारदीय नवरात्रि 2024 तिथि (Shardiya Navratri 2024 Start Date)

पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। ऐसे में 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी।

Shardiya Navratri 2024 Ghatasthapana Muhurat

शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना मुहूर्त सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त (Shardiya Navratri 2024 Shubh Muhurat) सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन योग समय में घटस्थापना कर मां भवानी की पूजा कर सकते हैं।

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मां शैलपुत्री के प्रिय फूल (Maa Shailputri Favourite Flower)

शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा- अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री को गुड़हल का लाल फूल और सफेद कनेर का फूल प्रिय हैं। पूजा थाली में इन फूलों को जरूर शामिल करें।

मां शैलपुत्री के प्रिय भोग (Maa Shailputri Favourite Bhog)

सच्चे मन से मां शैलपुत्री की पूजा करें और इसके बाद उन्हें रबड़ी, फल और मिठाई का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने से मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं और जातक को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

मां शैलपुत्री मंत्र (Maa Shailputri Puja Mantra)

• ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः ।।

• वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

• या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

Disclaimer: इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/ पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। https://timesandesh.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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Post By Sandeep Patel

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