1. Shardiya Navratri 2023: सम्पूर्ण भारत में नवरात्रि का त्योहार बहुत ही उत्सह व धूम-धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता दुर्गा के सभी 9 रूपों की पूजा की जाती है। अब की बार शारदीय नवरात्रि अक्टूबर से होने जा रहा है। अक्टूबर को समाप्त होगा।शारदीय नवरात्रि हर वर्ष पितृपक्ष के समाप्ति के अगले दिन आरंभ हो जाते हैं। प्राचीन मान्यता के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों तक माँ दुर्गा की बहुत विधिवत पूजा-उपासना करने सारे मानक मनोकामना व शुभ फलों की प्राप्ति होती है। नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को विधिवत कलश स्थापित किया जाता है और नौ दिनों तक व्रत का संकल्प लिया जाता है मान्यता है कि इस वर्ष माँ दुर्गा हाथी पर सवार हो कर आ रही हैं। वे अगर देखा जाएँ तो माँ की सवारी वैसे तो सिंह ( शेर ) |
माँ का वाहन सिंह है। जब पृथ्वीलोक है पर माता आती है तो भिन्न-भिन्न वाहनों पर सवार होकर आती हैं, इस प्रकार से माँ अपने साथ सुख-समृद्धि और प्रसन्नता लेकर आती हैं। शास्त्रों व श्रीमद भागवत पुराण के अनुसार नवरात्रि के दिनों में माँ दुर्गा पृथ्वी लोक में वास करती हैं | शारदीय नवरात्रि 2023 की तिथियाँ
15-10-2023: नवरात्रि का पहला दिन / माँ शैलपुत्री की पूजा )
16-10-2023: नवरात्रि का दूसरा दिन (माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा)
17-10-2023: नवरात्रि का तीसरा दिन *. (माँ चंद्रघंटा की पूजा)
18-10-2023: नवरात्रि चौथा दिन ‘भाँ कूष्मांडाल की पूजा )
19-10-2023: नवरात्रि का पाँचवाँ दिन ‘(माँ स्कंदमाता की पूजा
20-10-2023. नवरात्रि का छठा दिन (माँ कात्यायनी की पूजा।
21-10-2023:नवरात्रि का सातवाँ दिन (माँ कालरात्रि की पूजा)
22-10-2023: नवरात्रि का आठवाँ दिन (माँ सिद्धिदात्री की पूजा.) 23-10-2023: नवरात्रि का नौवाँ और अंतिमदिन माँ महागौरी की पूजा )
24-10-2023: दशमी विजयादशमी (दशहरा)
5. कलश स्थापना का मुहूर्त :नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि की शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापित किया जाता है। मान्यता के अनुसार शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों से जातक के कार्य सफल होते हैं । इस वर्ष नवरात्रि के पहले दिन अर्थात 15 अक्टूबर 2023 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त बन रहा है। 6. नवरात्रि का धार्मिक महत्व : जैसे हमें पहले ही ये जान लिया कि माँ दुर्गा इस वर्ष हाथी की सवारी पर आ रही हैं। इसलिए इस वर्ष नवरात्रि का धार्मिक महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है। श्रीमद देवी भागवत पुराण के अनुसार, जिस वर्ष माता हाथी पर सवार होकर ‘पृथ्वीलोक पर आती हैं |उस वर्ष धन-धान्य में वृद्धि होती है ,और देश में सुख-समृद्धि आता है।
7. 2 गुप्त नवरात्रि कब आते हैं :हिंदू पंचाग डेट के अनुसार एक वर्ष में चार बार नवरात्रि पर्व आती हैं। जिसमें से दो विशेष रूप से महत्वपूर्ण है शारदीय औ चैत्र नवरात्रि का महत्व | देवी पुराण के अनुसार एक वर्ष में चार मास (माह) नवरात्रि लिए के निश्चित हैं। वर्ष के प्रथम माह अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्रि होती हैं। चौथे माह आषाढ में दूसरी नवरात्रि होती है। तीसरी शारदीय नवरात्रि व चौथा माघ मास नवरात्रि |हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार दोनों, गुप्त नवरात्रि में प्रमुख रूप से भगवान शंकर व देवी शक्ति की आराधाना की जाती है | इन दिनों या तो बहुत शारद रहता या फिर ठंड होता है |
देवी (माँ दुर्गा) शक्ति का साक्षात स्वरूप है। दुर्गा शक्ति में दमन का भाव भी जुड़ा है। यह दमन या अंत होता है शत्रु रूपी दुर्गुण, दुर्जनता, दोष काम, रोग अथवा विकारों का। ये सब हमारे जीवन में अड़चनें उत्पन्न कर प्रसन्नता व शांति छीन लेते हैं
यही कारण है कि माँ दुर्गा के कुछ विशेष और शक्तिशाली मंत्रों के देवी (दुर्गा) उपासना के विशेष काल में ध्यान शत्रु, रोग, एवं दरिद्रता रूपी भय बाधा का नाश करने वाला माना मया जाता है |